जीवन के क्षितिज पर
गहरे, स्याह, लाल और पीले रंग में
नयी रोशनी की तरह,दिखाई देते हो
रोशनी, तुम ही तो हो|
जीवन के एकांत और अंधेरी रात में
आकाश में चाँदनी लिए
जो देता है,जीवन को शीतलता
चाँद, तुम ही तो हो|
जीवन के नव-दिवस पर
आगे बढ़ने की प्रेरणा देते
अप्रतिम रोशनी बिखेरते
सूरज, तुम ही तो हो|
गहरे, स्याह, लाल और पीले रंग में
नयी रोशनी की तरह,दिखाई देते हो
रोशनी, तुम ही तो हो|
जीवन के एकांत और अंधेरी रात में
आकाश में चाँदनी लिए
जो देता है,जीवन को शीतलता
चाँद, तुम ही तो हो|
जीवन के नव-दिवस पर
आगे बढ़ने की प्रेरणा देते
अप्रतिम रोशनी बिखेरते
सूरज, तुम ही तो हो|
-ज्ञानेन्द्र नाथ त्रिपाठी
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